संयोग--मुराद मन की - 3 - (अंतिम भाग)

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अकेली रह जाने पर पूनम साइकिल से आने लगी थी।अकेली रहने पर भी वह उससे बात करने की हिम्मत नही जुटा पाया था।लेकिन जब उसे पता चला कल पूनम का आखिरी दिन है।तब उसे सोचना पड़ा।पिछले एक साल से वह पूनम को रोज देखता आ रहा था।उसकी उससे अभी तक कोई बात नही हुई थी।लेकिन वह उसे ग्रीटिंग्स और पत्र भेजता आ रहा था।उसके पत्रों को पूनम ने फाड़कर डस्टबिन में फाड़ फेंका था।इसका साफ मतलब था कि उसकी पूनम में कोई दिलचस्पी नही थी।फिर भी वह उससे अपने दिल की बात कहना चाहता था।इसीलिए वह एकांत जगह में खड़ा