बहुत सालों बाद अपने गांव जाने का मौका मिला,जो कि मेरी जन्मभूमि है,सोचा था कि गांव की सैर करते हुए खेतों में भी टहल लेंगे,हरे चने,हरे मटर और बेरों का आनन्द उठाएंगे,यही सोचकर मैं गांव पहुंची, लेकिन वहां पहुंचकर गांव का माहौल एक दम बदला बदला नज़र आ रहा था, मैं तो वहां अपने बचपन की यादें समेटने गई थीं लेकिन शायद पुराने लोगों के साथ साथ पुरानी चीजों ने भी दम तोड़ दिया था।। जगह जगह गलियों में पानी भरा था, मैंने चाचा से उस का कारण पूछा तो बोले,अब मनमानी सरकारी वाटर सप्लाई आती है तो लोग