अकबर और तानसेन कि कहानी (ओशो)

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मैंने सुना है, अकबर ने तानसेन को एक बार कहा कि तुम्हारा संगीत अपूर्व है। मैं सोच भी नहीं सकता कि इससे श्रेष्ठ संगीत कहीं हो सकता है। या कोई इससे श्रेष्ठ संगीत पैदा कर सकेगा। लेकिन एक प्रश्न मेरे मन में बारबार उठ आता है कि तुमने किसी से सीखा होगा, तुम्हारा कोई गुरु होगा। अगर तुम्हारे गुरु जीवित हों तो एक बार उनका संगीत सुनना चाहता हूं, उन्हें दरबार में बुलाओ।तानसेन ने कहा, यह ज़रा कठिन बात है। गुरु मेरे जीवित हैं, लेकिन उन्हें बुलाना मुश्किल है। वे फकीर आदमी हैं। (फकीर हरिदास उनके गुरु थे) वे गाते