आज इतनी जल्दी ... और आप भी तो... एक-दूसरे की आँखों में देखकर मुस्कुरा दिये दोनों ! सुमित न चाहते हुए भी अपने केबिन की ओर बढ़ गया और फिर कुछ ही मिनटों के अंतराल पर स्वेतलाना भी कॉफी के दो मग्स लेकर उसके पीछे-पीछे पहुँच गई ! कॉफी की चुस्कियाँ लेते हुए दोनों एक-दूसरे की आँखों के रास्ते दिल में उतरने की कोशिश कर रहे थे । "आज ठंड वाकई बहुत ज्यादा है । कोहरा तो इतना कि एक हाथ को अपना दूसरा हाथ ही नज़र नहीं आता", चुप्पी तोड़ने का एक प्रयास जो सुमित की तरफ़ से हुआ