प्रेम और वासना - भाग 5 - प्रेम के रंग हजार, रिश्तों में

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प्रेम" शब्द काफी मार्मक और भावुकता भरा होता है। नये, नये रुप में प्रयोग होने वाला शब्द इंसानी अहसास को इंद्रधनुषी रंगों से सजाता है,। प्रेम, प्यार, लव, जैसे शब्दों के बिना कोई भी साहित्य अधूरा ही रहता है और हमारी जिंदगी भी इनके बिना अकेली और वीरानी सी लगती है। आखिर प्रेम या प्यार में ऐसा क्या जादू है ? हर मानवीय अहसास को नाम की जरुरत होती है, हाँ, भावुकता एक अलग सा अहसास है, जो प्रेम को कमजोर दर्शाता, जिसमें कमजोरी का आभास ज्यादा होता है। स्वस्थ प्रेम के अहसास में दृढ़ता, समपर्ण, सत्य, भक्ति, त्याग जैसे कई