राधारमण वैद्य-आधुनिक भारतीय शिक्षा की चुनौतियाँ - 2

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भूमण्डलीकरण का संदर्भ और शिक्षा सामाजिक विकास के लिए शिक्षा का महत्व जग जाहिर है। समाज में बेहतर बदलाव तब आता है, जब जन (सामान्यजन) उत्पीड़न चीन्हनें लगे। उत्पीड़ितजन अंधेरों में धंधकने वाली ताकतों को पहचानने लगे। ’तमसो मां ज्योतिर्गमय’’ प्रकाश पुंज, यानी बेहतर समाज, क्योंकि जब हम चीजों को समझने लगते हैं, तब उन्हें बेहतर बनाने की कल्पना शुरू की जाती है। समझने के लिए सीखना पड़ता है और सीखने के लिए पढ़ना पडता है। परम्परागत रूप से विद्यालय पूर्व शिक्षा को छोड़ दे, तो हम लगभग हर शिक्षा-व्यवस्था में तीन स्तरीय ढांचा पाते है- (अ)