मेरे कहने से कुछ बदल जाता तो मैं सब कुछ सबसे पहले कहती की, नारी अब वो नहीं रही की जो सब सह लेती थी बिना कुछ कहे। आज नारी की स्थिति पिछली शताब्दी से आज बहुत उच्च है आज वह छोटे से घर की बड़ी सी अर्थव्यवस्था को संभालने से लेकर,भू से नभ को माप चुकी है, उसने ब्रम्हाण पर अपना सपनो का घर बनाया हैं. पर यह इतना भी सच नहीं है जीतना समाचार पत्रों मे दिखता है रंगीन टेलीविज़न पर नज़र आता हैं,शायद वास्तविकता तो और कुछ ही बताती है की उनकी 21वीं शताब्दी मैं भी बहुत