लेखक- डॉ.सुनील गुलाबसिंग जाधव, नांदेड़ मो.९४०५३८४६७२ मास्टर जी ने कक्षा में एक लोकप्रिय पंक्ति सुनाते हुए कहा, बच्चों अब तुम्हारी बारी | तुम्हे एक कविता करके मुझे सुनानी हैं |” कुछ देर बाद कक्षा के एक होनहार छात्र ने खड़े होकर कहा, “ मास्टर जी, मैंने एक कविता बनाई हैं | सुनाऊं ?” मास्टर जी ने बबन को कविता सुनाने के लिए कहा | बबन ने अपने छोटे से मुह से छोटी-सी कविता सुना दी| “गड्ढे बीच सड़क हैं या सड़क बीच गड्ढा गड्ढा है के सड़क है के सड़क है के गड्ढा |” बबन की कविता