मुम्बई पहुंच कर समीर बिल्कुल खामोश हो गया था।आधी रात उठ बैठा और सोचने लगा कि ऐसा क्यों किया शालू ने तीसरी बार।।फिर नींद भी नहीं आई।सुबह उठते ही उसने विकास को फोन किया तो उसने बताया कि शालू मुम्बई से बहार गई है।समीर ने हंस कर कहा फिर से वही नाटक अब और नहीं मैं उसे अब कभी नहीं मिलूंगा।हे खुदा अब फैसला तेरा मुझे मंजूर है।।।समीर फिर से अपने काम में व्यस्त रहने लगा।बस कभी कभी शालू की डायरी निकाल कर पढ़ा करता रहता था। शालू ऐसा क्यों किया तुमने एक बार फिर से धोखा दिया।समीर आजकल बहुत