हाँ, मैं भागी हुई स्त्री हूँ - (भाग--सात)

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(भाग--सात) माँ ने तत्काल बिहार जाना मुनासिब नहीं समझा। आखिर बच्चे अपने पिता के घर गए हैं । वहाँ उनके ताई- ताया हैं, दादी है। एक पूरा समाज है उनको किसी प्रकार का कष्ट नहीं होगा। एक हफ्ते बाद जाकर मिलने से बात बनेगी। तत्काल जाने पर वे लोग सतर्क हो जाएंगे। उस एक सप्ताह मैं हर पल मरती रही। उस समय यू पी से बिहार जाना आसान भी नहीं था । दोनों के बीच में एक बड़ी नदी थी, जिसे नाव से पार करना होता था, फिर बस का सफ़र। माँ अकेली ही यात्रा की कठिनाइयों से जूझती बच्चों तक