गिन्नौरगढ़ किले का रोमांच

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घूमने फिरने में सभी को आनंद प्राप्त होता है। मुझे भी घूमने फिरने का शौक था । रेहटी से भोपाल जाना अक्सर हो जाया करता था । जब बस गिन्नौरगढ़ किले के पास से निकलती थी तो बस की खिड़की से गिन्नौरगढ़ किले को देखता ही जाता, जब तक कि किला आंखों से ओझल नहीं हो जाता था। ऊंची पहाड़ी पर स्थित मेन रोड से लगभग 2 या 3 किलोमीटर दूर होने के बावजूद भी गर्मी के दिनों में साफ-साफ नजर आता था। मन में हर बार एक ही इच्छा होती कि एक न एक दिन गिन्नौरगढ़ किले को घूम