पिता की खोज

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" आज तो तुम्हें बताना ही पड़ेगा अम्मी... कौन हैं मेरे अब्बू ? क्या नाम है उनका ? कहाँ रहते हैं ?.. और तुम अकेले क्यों रहती हो ?" बाईस वर्षीय नदीम ने लगभग चीखते हुए सवालों की झड़ी लगा दी।"क्या बताऊँ बेटा ? कैसे कहूँ..... ?" लगभग पैंतीस वर्षीया रजिया कहते हुए सुबकने लगी थी।"तुम क्या जानो अम्मी , मुझे किस जलालत का सामना रोज करना पड़ता है ? तंग आ गया हूँ मैं लोगों की फब्तियों और तानों से ! ऐसा लगता है अभी जाकर दरिया में कूद जाऊँ और खत्म कर लूँ अपनी इस बदजात जिंदगी को