पन्द्रह साल बाद

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रात के 11 बज रहे थे और गर्मी अपने चरम पर थी ओ भी उमस वाली गर्मी जो सबको उबलता हुआ देखना चाहती थी। वैसे तो थी हल्की चांदनी रात मगर अंधेरा चांद को अपनी आगोश में ले लेना चाहता था,और तड़पता हुआ चाँद सिमटता जा रहा था।अरुन अपने कमरे में लेटा था जिसमे एक पंखा ऊपर वाला चल रहा था जो सिर्फ चल ही रह था मगर कूलर अपने ac होने का परिचय दे रहा था जो कमरे के तापमान बनाये रखने में महती भूमिका अदा कर रहा था। तभी fb मैसेंजर से एक मैसेज टुन से मोबाइल पर