में ममा की बात मान नहीं रहा था। उसका दिल बार बार दुखाए जा रहा था। कई बार लगा जैसे ममा तकलीफ में है। एक बार उन्हे मैने पूछ ही लिया, ममा क्या हुआ है आपको ? क्यों आप गुमसुम सी रहती हैं ?उन्होंने बड़े प्यार से मीठी मुस्कान से बता दिया, "कुछ नहीं बेटा ! भला मुझे क्या हो सकता है ? तुमने पूछा उसकी खुशी में गुम हो गई।"मैने उनकी बात मानकर चल दिया।एक दिन ममा को मैने उनके कपड़ों के बारे में बोल दिया की वो उन कपड़ों में जचती नहीं है। उन्होंने तो इस तरह डांटा