प्रेम:एक इश्क की दास्तान-1★©★Copy rightदिशा अपने हाथ मे गुलदस्ता लेकर दौड़कर चली आ रही हैं।दूसरी ओर से प्रेम भी दौड़ा आ रहा हैं।दोनो पास आए।एक दुसरे को देखा, देखते रेह गए फिर हँसते हुए एक दूसरे को गले लगाया।दिशा बोली ये तुम्हारे लिए।थेंक्स।तुमने मुजे अपना जीवनसाथी चुना, वरना में तो टपोरी....दिशा ने उसके मुँह पर हाथ रखते हुए कहा कि में भी तो बदले की आग में दुश्मनी की आग में पागल थी.....प्रेम बोला चलो, हम अपने दोस्तो को अपने प्रेम की दास्तान सुनाते हैं......दिशा तो सुनिए मेरे ओर प्रेम की इश्क की दास्तान.....हमारी महोब्बत में #संघर्ष है।#बदले की आग हैं।#दुश्मनी हैं।प्रेम बोला मेरा