काहाणी शुरु करते हे मोहिनी उस मंदिर मे पडी होती हे तब शिवजी उसे कोछ ही समय कि जिंदगी देते हे तब मोहिनी उठती हे और बोलती हे हा मुझे मेरे पती ने मार दिया लेकिन वो दोसरा कोन था ये जाने बिगर मे जातो रही हो लेकिन दुबरा वापस जरुर आवोगी याहा पे मोहिनी की काहाणी खतम होती हे दोसरी तरफ एक लडकी की काहाणी शुरु होती हे तो चलो देखे एक लडकी शिवमंदिर जारही थी तब वाहा पे कोछ गुंडे आते है तब वो उस लडकी को छेडते हे तब वो लडकी अपना असली रूप लेती हे तब