नज़र अंदाज़ (लघुकथाएं)

  • 6.4k
  • 1
  • 1.4k

नजर अंदाज सरोज बाजा से लौटी तो घर जा दरवाजा बंद था।उसने दरवाजे पर दस्तक दी।माया ने दरवाजा खोला था केकिन काफी देर बाद।सरोज बेटी पर बड़बड़ाती हुई अंदर गई।अंदर दीपक मौजूद था।बेटी और दीपक की हालत देखकर।सरोज समझ गई कि उनके बीच क्या हुआ है।इसलिए सरोज बेटी पर नाराज़ होते हुए बोली,"शर्म नही आई मुँह काला करते हुए।क्यो हमारा नाम बदनाम करने पर तुली है।आने दे तेरे पापा को"।"आप पापा से कुछ मत कहना।इसी मे आपकी भलाई है।'"तू मुझे धमकी दे रही है।"बेटी की बात सुनकर सरोज आग बबूला हो गई।""धमकी नही दे रही ,चेता रही हूँ।अगर आपने पापा से