अर्पण--भाग (४)

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राजहंसिनी ने देवनन्दिनी से बात करने के इरादे से डरते हुए हिम्मत करके कहा__ दीदी! आज शहर की सड़कें कुछ ज्यादा ही साफ सुथरी लग रहीं हैं,है ना! हाँ...हाँ..क्यों ना होगीं साफ सुथरी? नगरपालिका वालों को मालूम था ना कि इन सड़को से राजकुमारी राजहंसिनी पधारने वालीं हैं इसलिए तो सड़कों को जीभ से चाट चाटकर साफ किया गया है,देवनन्दिनी गुस्से से बोली। अच्छा! मैं ना कहती थी दीदी! एक ना एक दिन सारे शहर को पता चल जाएगा कि राजहंसिनी किसी राजकुमारी से कम नहीं हैं,चलो शहर के लोगों को इतना तो पता चल गया और एक तुम हो