सामाजिक अस्वीकृत का भय प्रेम का बड़ा शत्रु ।

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प्रेम एक ऐसा विषय है जिसपर बहुत कुछ कहा और लिखा जा चुका है।अगर आप देखें तो पाएंगे की हर वक्ता,समाजसुधारक आदि अगर नैतिकता शांति जैसे विषयों पर भाषण देता हो तो वह प्रेम पर बोलता ही है और यह भी काफी स्वाभाविक बात है की हम भी अक्सर दो विवाद में पड़े व्यक्तियों को समझाते समय उन्हें अनायास ही प्रेम से रहने की सलाह दे देते हैं।लेकिन इसके बाद भी यह बहुत ही दुखद और सोचनीय है की हमारा समाज उस एक युवा लड़के -लड़की के प्रेम को जो सृष्टि का आधार और शाश्वत सत्य है उसे