(17) राजेश पहाड़ियों में था । उस जगह पर था जहां से मेकफ और मदन नष्ट होने वाले हवाई जहाज के काठ कबाड़ उठा लाये थे । वापसी के समय ही उसने यह समझ लिया था कि टकराव अवश्य होगा, क्योंकि वापस जाने की आज्ञा मिल चुकी थी और बिना सफलता प्राप्त किये वापस जाना संभव नहीं था । जहां हवाई जहाज के काठ कबाड़ मिले थे, वहां अब तो कुछ नहीं था मगर ऐसी वस्तु मिल गई थी जिसने उसे उलझन में डाल दिया था, और वह वस्तु थी सुरंगे बिछाने के तार । वह तार वैसे ही थे