अस्तित्व

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नमस्ते। आशा करती हु इस covid महामारी मे आप सब सुरक्षित और कुशल होगे। ये मेरी पहली लघुकथा है जो में मातृृृभारती में प्रकाशित करने जा रही हूँ। आशा करती हूँ ये लघुकथा आपको पसंद आएगी। इस कथा का शब्द-विन्यास मेरी दोस्त खुश्बू ने किया है। इसका में तहदिल से शुक्रिया अदा करना चाहती हूँ। घर मे जोर जोर से आवाज आ रही थी। नई बहू को घर मे आए अभी ६ महीने ही हुए थे। चुन्नी बाबू अपनी पूरी ज़िंदगी बैंक में नोकरी करके रिटायर्ड हो चुके थे। उन्हें अपने पैसे और दो लड़के होने का बड़ा