पहली बार वह मुझे तब दिखी थी जब वो पौधों में पानी डालने आयी थी, उसके होंटो पर हँसी जैसे चिपक सी गयी थी ऐसा लग रहा था जैसे वो पेड़ पौधों से बातें कर रही हो, अपने दुपट्टे को पौधों पर लहरा कर ऐसे खुश हो रही थी जैसे उसने वर्ल्ड कप ही जीत लिया हो, एक चंचल सी चुलबुली मेरे घर के सामने रहती हैं आखिर वो मेरी नज़रो में अभी तक आयी क्यूँ नहीं, अरे यह क्या वो तो इधर ही देख रही हैं, अरे नहीं मुझे अपनी निगाहे निचे कर लेनी चाहिए पता नहीं वह क्या