सवाल है नाक का

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सवाल है नाक का "सुबह के साढ़े - पाँच बज गए, महारानी की नींद नहीं खुली अब तक।" माँ ने जोर-जोर से बड़बड़ाते हुए कहा तो पास वाले कमरे में सो रही बड़ी बेटी सरोज आँखे मलती-मलती बाहर आई और बोली - "माँ जब आपकी कोई सुनता ही नहीं तो आप क्यों रोज सुबह बड़बड़ाने लगती हो।" "क्या करूँ, मुझे पसंद नहीं कि घर की बहु इतनी देर तक सोती रहे इसीलिए कहती हूँ वरना मुझे क्या।" " आप तो पिछले दो सालों से कह रही हैं पर भाभी को कोई असर हुआ क्या? नहीं ना, ज्यादा कहोगे तो जबान लड़ाएगी।" "घर वालों ने यही संस्कार