कहानी - मास्टरनीजी सरला ने बी ए पास करने के बाद कुछ समय तक नौकरी पाने का प्रयास किया था . उसे आशा की कोई किरण नहीं दिख रही थी .एक दो जगह छोटी मोटी नौकरी सेल्स गर्ल टाइप की मिल रही थी पर उसमें दिन भर दरवाजे दरवाजे बातें सुनने या धक्के खाने के सिवा कुछ हासिल न होना था .अगर सामान बिका तो कमीशन मिलता नहीं तो सिफ़र , इसलिए उसने इससे तौबा कर लिया था. सरला के पिता एक कैजुअल वर्कर थे और उनका दो साल पहले देहांत हो चुका था .घर