ये उन दिनों की बात है - 21

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टूर्नामेंट होने वाले थे | दौड़, रस्साकशी, ऊंची कूद, कबड्डी, खो-खो, और बास्केटबॉल | हर बार की तरह इस बार भी मैंने प्रतियोगिता में भाग लिया था | या तो मैं कबड्डी में भाग लेती या रस्साकशी या फिर खो-खो, लेकिन इस बार बास्केटबॉल में हिस्सा लिया | उसकी भी एक वजह थी, वो वजह थी, कृतिका, जो ना जाने क्यों इन दिनों मुझसे चिढ़ी हुई थी | उसने मुझे खुले आम चैलेंज किया था की अगर मुझमे हिम्मत है तो उसे बास्केटबॉल हराकर दिखाऊं | उस वक़्त तो मैंने भी जोश ही जोश में हाँ कर दी थी | पर