सुनो अब पहले जैसी कोई बात नही,चाहे लाख कोशिश कर लो पर दिल में वो जस्बात नही!!! कितन आसान होता है , न एक पल में किसी को कह देना की अब हम साथ नही , मेरे साथ मत रहो क्यू नही सोचते हम की उसी के लिए कई राते कई दिन बिना खाए पिए सोए गुजरे है सिर्फ उस एक शख्स को पाने के लिए हमने कई मील का सफर बिना कोई सहारे के तय किया है , क्यों सब एक पल में बिखर कर दुबारा सब , नहीं करते हैं क्यों ?रिद्धिमा अब रिद्धिमा नही रही (अपने जस्बातो को काबू