अमलतास के फूल - 12

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राहें और भी हैं     वह तीव्र कदमों से कार्यालय की ओर बढ़ती जा रही थी। घर की जिम्मेदारियों को पूरा करने के साथ ही साथ उसे कार्यालय भी समय पर पहुचना है। यदि वह अकेली होती तो अपने लिए खाने-पीने की व्यवस्था कहीं पर भी कर लेती। कुछ भी रूखा-सूखा खा कर जीवित रह लेती, किन्तु घर में माँ-पिता जी हैं। उनके लिए सभी कुछ करना है। एक तो वृद्ध शरीर ऊपर से उम्र जनित बीमारियाँ। उनके खाने पीने की अलग से व्यवस्था कर तथा दवा इत्यादि रख कर उन चीजों के विषय में उन्हे समझा कर आने