वह बेबस आंखें...

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उस दिन तुम्हारा मिलना मेरे लिए कुछ ऐसा था जैसे मैंने वर्षों की खोई चीज पा ली हो।वह दिन मेरे दिमाग के किसी हिस्से ने बेहद मजबूती से save कर लिया है-22 मार्च ।हाँ ये वही दिन था जिस दिन हमारी मुलाकात परीक्षा कक्ष में हुई थी।मेरी क्या गलती थी जब मैंने तुम्हें देखा और बस देखता ही रह गया,कोई भी तुममे खो जाता। तुमने अपनी ओर मुझे यूं एकटक देखता देखकर हंस दी थी।हां!!उस वक्त बस इतना ही हुआ था।तुम तो अपने उत्तर लिखने लगी थीं लेकिन मैं