रंगरसिया

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"विशाल, आज तो जल्दी घर आ जाना!" "क्यों , आज क्या है!" " तुम्हें इतना भी याद नहीं!" मधु उसके गले लगते हुए शिकायती लहजे में बोली। "क्या बात है ! हमारे छूते ही दूर भागने वाली हमारी पत्नी साहिबा, आज सुबह सुबह इतना प्यार क्यों दिखा रही है!" "क्योंकि मेरे बुद्धू पतिदेव को इतना भी याद नहीं कि आज हमारी शादी की पहली सालगिरह है!" "ओह!सॉरी सॉरी यार ! मैं तो बिल्कुल भूल गया। तुमने मुझे पहले क्यों नहीं याद दिलाया। आज तो मेरी इंपॉर्टेंट मीटिंग है और डिनर भी उन लोगों के साथ ही है! आई एम वेरी