ख़ास उनसे मुलाक़ात ना हो रातों में कम -से -कम सो तो अच्छे से पाये गये. क्या करे की उनकी याद ना आए,पर ये कब होने वाला था. यादे है इंसान के आने से पहले आती है।ये लॉकडाउन तो उनके ना आने पर ही लगा हो मानो, पर उनकी यादे कब रूकती.ह्रदय बड़ा व्याकुल और विचलित है ।उनके बिना ज़ी करता है की,उनकोअपना तकिया बना ले या अपनी चदर इस बहाने वो हमारे साथ तो होगे । आज उनकी बहुत याद आ रही व्याकुलता ये है की उनको ये बता भी नहीं सकते. ये कभी कभी होता है की उनकी