चाहत - 17

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पार्ट -17 औरतों का तो शॉपिंग मानो जनम सिद्ध अधिकार है। यही हाल हमारा था हम भी अपना अधिकार बखूबी ले रहे थे शॉपिंग करके। हमने सुबह से लेकर शाम तक हर फंक्शन के लिए कुछ न कुछ ख़रीदा। थक हार कर शाम को हम लोग घर लोटे। आकर थोड़ा आराम करके डिनर के लिए पहुंचे। दादाजी - तो बच्चो , बताओ कैसा लगा हमारा जयपुर ? नेहा - बहुत अच्छा दादाजी। छाया - आपको पता है दादू , आज इन सब ने कितनी शॉपिंग की है। जोहरी मार्केट से लेकर नेहरू बाजार तक