जब अर्थी हिल उठी

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मामी की मौत की खबर हम सभी पर गाज की तरह गिरी थी। तीस वर्ष की उम्र में ही एक हँसती-खेलती औरत अकारण मर गई। हुआ ही क्या था उन्हें। अच्छी - भली तो अपनी दूसरी सन्तान की कामना लिए शहर के नामी नर्सिंगहोम में दाखिल हुई थीं। आपरेशन द्वारा दूसरा पुत्र उत्पन्न हुआ। सबके साथ मैंने भी मिठाई खाई थी। पर दूसरे ही दिन उनकी हालत बिगड़ गई। हीमोग्लोबिन घटकर पाँच पर आ गया था। वे प्रारम्भ से ही रक्ताल्पता की शिकार थी, इसलिए डॉक्टर ने दूसरे बच्चे को गिरा देने की सलाह दी थी। मामी तैयार थीं। बड़ा