"शापित किताब! इसका क्या मतलब हो सकता है।" भैरवी ने खुद से कहा। लेकिन बहुत देर सोचने के बाद भी भैरवी को नहीं पता चल सका की इस डायरी में क्या है। उसने सोचा की कोई उसके साथ मजाक करने के लिए उसे डरा रहा है। यही सोचते हुए वो घर के काम करने में लग गई। वो दिन बिना किसी घटना के बीता रात में भैरवी सोने गई तो उसे नींद नहीं आई। काफी देर तक जागने के बाद भी भैरवी को नींद नहीं आई तो वो उस