वो अनकही बातें - भाग - 7

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समीर मायूस हो कर घर लौट आए और फिर अपनी डायरी निकाल कर उसमें लिखने लगे।इश्क है या इबादत.अब कुछ समझ नहीं आता.एक खुबसूरत ख्याल हो तुम जो दिल से नहीं जाता. ।।इतना लिख कर समीर सोचने लगा कि ऐसा क्यों कर रही हों तुम। अब मैं तुमसे दूर नहीं रह सकता। ऐसी क्या मजबूरी है जो तुम्हें रोक रही है। फिर समीर सोचते हुए सो गया।सुबह हो गई थी, शालू उठ गई और फिर सर दर्द से बेहाल हो रही थी। तभी कांता ताई आ गई और बोली अरे तबियत भारी है क्या ?चलो मैं तुम्हें तेल लगा कर एक