एपिसोड---43 मेरी यादों के झरोखे अपने देश से निकल कर अब विदेशों की ओर झांकने लगे हैं। कई लोगों के फोन आए कि अब बाहर के बारे में भी अपना अनुभव सुनाएं। जब बच्चे छोटे थे तो एक ज्योतिषी ने कहा था कि आप सबके पैरों में विदेश की यात्रा लिखी है। उस समय विदेश जाने के आसार कहीं नजर नहीं आते थे तो हैरानगी हुई थी। तब क्या मालूम था कि technology इतनी विकसित हो जाएगी कि सब दूरियां मिट जाएंगी। अब तक मेरी पांच बहने और देवर देवरानी सब अमेरिका में सेटल हो चुके थे। फिर भी