चन्द्र-प्रभा--भाग(२०)

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नागदेवता, नागरानी और जलकुम्भी के मध्य वार्तालाप चल ही रहा था तभी वाटिका में किसी के आने की आहट सुनाई दी,रानी जलकुम्भी बोली,लगता है कोई आ रहा है,कदाचित अम्बालिका ही होगी, वही इसी समय हमें एक बार अवश्य देखने आती है कि अभी भी हम बंधक या नहीं, तब नागदेवता बोले तो यही समय है नागरानी आप अम्बिका का रूप लीजिए और मैं सर्प का और दोनों ने यही किया।। तभी अम्बालिका ने प्रवेश किया और वाटिका में अम्बिका को पहले से उपस्थित देख कर बोली___ तुम और यहाँ,जलकुम्भी से तुम्हें कौन सा कार्य आ पड़ा जो तुम वाटिका