सुभागी ने राजकुमार भालचन्द्र की बात सुनकर कहा कि ये बहुत लम्बी कहानी हैं राजकुमार! वो भयावह अमावस्या की रात्रि हम हम कैसे भूल सकते हैं, जिस रात्रि हम सूर्यप्रभा को उस दुष्ट जादूगरनी के हाथों से बचाकर लाए।। तनिक विस्तार से पूरी घटना बताएं ,मैं ये ज्ञात करना चाहता हूँ कि क्या हुआ था,भालचन्द्र ने सुभागी से कहा।। तो सुनिए राजकुमार मैं आपको सारी कहानी विस्तार से बताती हूँ, सुभागी ने भालचन्द्र से कहा और सुभागी ने कहानी कहना प्रारम्भ किया।। बहुत समय पहले की बात हैं___ घने वनो से सुशोभित,देवनागरी नदी के तट पर,पहाड़ियों से