कहा जाता है कि अगर कर्म अच्छे हों और नियत साफ़ रहे, तो इंसान खुश रहता है। यह बात बताते समय लोग भूल जाते हैं कि इंसान अपने कर्म और नियत को संभाल सकता है पर अगर दूसरे की नियत में खोट है, तो अच्छे इंसान पर भी मुसीबत आ सकती है। यह बात केवल इंसान पर ही नहीं बल्कि देश पर भी लागू होती है। जब देश की नीतियां सख्त नहीं होती तो एक समय के बाद उसे अंदर और बाहर से लालची घटकों का बिना बात का विरोध झेलना पड़ता है। विरोध की यह आग कब गलत आहुतियों