कैसा ये इश्क़ है.... - (भाग 64)

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शान को गया देख अर्पिता वहीं खड़ी रहती है जब तक शान और बाकी सब की गाड़ी आंखों से ओझल नही हो जाती।गाड़ी के जाते ही अर्पिता वापस घर के अंदर चली आती है।आते हुए वो अपने कमरे में जाती है और वहीं बेड पर बैठ जाती है।उसकी नजर सामने वॉल पर लगे एक पोस्टर पर पड़ती है जिसे देख उसके उदास चेहरे पर मुस्कुराहट आ जाती है।चलो कम से कम आपकी एक बड़ी सी फोटो तो है।जिससे हम बाते कर सकते है।नही तो हमे लगता हम इन खाली दीवारों से बात करेंगे। शान, क्या बिगड़ जाता अगर नाराजगी से