सियासत के हवाले से

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सियासत के हवाले सेजिस प्रकार आत्मा मरती नहीं है, केवल पुराने शरीर को छोड़कर नये शरीर में प्रवेश कर जाती है। ठीक वैसे ही नेता भी नहीं मरता है। वो पुरानी पार्टी को छोड़कर नयी पार्टी में प्रवेश कर जाता है। लेकिन इस पूरी प्रक्रिया में, आत्मा बेचारी मर जाती है।आगे आपको जो कुछ पढ़ने वाले हैं, उसके सम्बन्ध में पहले यह प्राक्क्थन पढ़ना जरुरी है, ताकि आप बेसिर-पैर की इन बातों का सार समझ सकें।देखिये! जो चोर होते हैं, वो गुंडे नहीं होते। और जो गुंडे होते हैं, वो चोर नहीं हो सकते। गुंडे-बदमाश आपको दिखाकर आपको लूटते हैं।