कुर्सी-सूत्र

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-कुर्सी-सूत्र यशवन्त कोठारी ओम श्री कुर्सीयायः नमः ।। अथ श्री कुर्सी सूत्रम ।।1।। टीका ः हे कुर्सी माता मैं आपको नमस्कार करता हूं, अब मैं कर्सी सूत्र का श्री गणेश करता हूं । शंका ः कुर्सी शब्द स्त्रीलिंग है फिर भी ‘‘श्री’’ लगाने का औचित्य स्पष्ट करें । निवारण ः वत्स कुर्सी स्त्री, पुरूषों, आबालवृद्धों को समान रूप से प्रिय है । अतः श्री ही उपयुक्त हैं, हां तुम चाहो तो सुश्री लगाकर कुर्सी का महत्व और बढ़ा सकते हो । कुर्सी चरित्रम् नेतास्य भाग्यम् । देवों न जाने कुतो मनुष्यम् ।।2।। टीका ः