कैसा ये इश्क़ है.... - (भाग 53)

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आई जीजी शीला ने शोभा से कहा।वो अर्पिता की ओर देख उससे बोली,मैं जब फ्री होती हूँ तब मिलती हूँ तुमसे ठीक है। जी आंटी जी अर्पिता ने कहा।और वो वहां से ऊपर अपने कमरे में जाती है और बैठ कर राधिका के द्वारा सबके बारे में दी गयी जानकारी के हिसाब से सभी चीजो को सामने रख अपनी इमेजिनेशन से देखने लगती है।क्यों न हम एक बार श्रुति से इस बारे में उसकी राय ले ले अर्पिता ने खुद से कहा और वो श्रुति के कमरे की ओर चली जाती है।दरवाजा बन्द होता है वो नॉक करती है लेकिन