कैसा ये इश्क़ है.... - (भाग 52)

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शान, बात डर की ही है लेकिन आपसे नही है,डर इस बात से है हमारे रिश्ते को जितनी गहराई से आप समझते है,परम जी समझते है,राधिका जी समझती है उतनी गहराई से कोई और समझ पायेगा कि नही। अर्पिता की बात सुन शान आगे बढ़े और बोले, तो मैं हूँ न इसके लिए तुम हो परम है सभी मिलकर सब सम्हाल लेंगे और एक राज की बात बताऊं हमारी फैमिली बाकी फैमिली की तरह टिपिकल नही है यहां सभी अपनी अपनी पसंद नापसंद एक दूसरे के सामने रख सकते है फिर सभी विचार कर के एक नतीजे पर पहुंचते है