मेरे शब्द मेरी पहचान - 3

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---- पुलवामा के वीर ----प्रेम के इस अवसर पर तुम भूल न जाना उन जवानों की शहादत को,जो जाते जाते भी मात दे गए पुलवामा में आई आफत को।प्रेम के ही दिन जो कर बैठे मौत से सौदा अपना देश प्रेम दिखाने की चाहत को।तहे दिल से शीष झुकाकर नमन है भारत माँ के उन वीर सपूतों को,जो दे गए बलिदान मगर झुकने ना दिया अपने वतन की अमानत को।।करते हैं हम सलाम हर एक जाँबाज़ फौजी की ताकत को,जो कर देते हैं ढेर हर आतंकी की सीमा पार आने की हिमाकत को।यूं पीठ पीछे वार कर बता गए तुम अपने गीदड़ होने