चाहत - 9

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पार्ट -9 मैंने सबका मन रखने के लिए हाँ तो बोल दिया है पर मेरा अतीत ? सच ही कहा है किसी ने इंसान कितनी भी कोशिस कर ले अपने अतीत से भाग नहीं सकता। मेरा अतीत भी हर पल मेरे साथ साये की तरह चिपका हुआ है। मैं अपने अतीत से चाहकर भी बाहर नहीं आ सकती। लगता है भैया और भाभी समय के साथ उन पुरानी बातों को भूल गए हैं। लेकिन पुरानी बातें याद आते ही मेरे हर जख्म को ताजा कर देती है। (फ़ोन की आवाज़ आती है। ) मैं फ़ोन देखती हूँ तो उसी नंबर