संडे का दिन था। लंच करते ही प्रिया ने फटाफट डाइनिंग टेबल समेटा और अंदर से लूडो उठा लाई।"अरे, यह क्या बहु , लूडो ! कौन खेलेगा इसे !" "हम सब खेलेंगे मम्मी जी!!" "हम सब !!!" प्रिया की सास हैरानी से उसकी ओर देखते हुए बोली। " मम्मी जी, आप ज्यादा बनो मत! मुझे पता है । जब दीदी और आपके लाडले छोटे थे। तब आप सब लूडो के कितने दीवाने थे। घंटों लूडो की पारियां चलती थी आप सबकी!! इन्होंने मुझे सब बता दिया है।" प्रिया की सास कुछ और कहती, उससे पहले ही उन्होंने देखा कि उसके