पार्ट -4 अमन की बात सुनकर जैसे हमारी सोचने -समझने की शक्ति ही चली गयी | हम सब खामोश थे | तभी सुमन कहती है -यही बात बतानी थी | नेहा - सुमन ,ये प्यार तुम्हे हुआ कब ? जरा बताना ? प्राची -सच में प्यार है या अप्रैल फूल बना रही हो ? अगर बना रही हो तो तुम जान लो ये फरवरी का महीना है अप्रैल का नहीं | मैं -सुमन ,ऐसा मजाक भी कोई करता है क्या ? सुमन -नहीं, मैं सच में प्यार करती हूँ अमन से | अमन -मैं भी | मैं -देखो अमन ,माना