लेख वैज्ञानिक चेतना , भविष्य केा जानने की चिन्ताएं डॉ स्वतंत्र कुमार सक्सेना भविष्य के प्रति जिज्ञासा व चिन्ता सारे मानव मात्र में है प्रत्येक व्यक्ति जानना चाहता है कि कल कैसा होगा ।आज हमारे पास बहुत सारे साधन हैं । व्यवस्थित जीवन है । परन्तु जीवन जटिल भी है तनाव युक्त है उसे व्यक्ति अपने परिवेश की विभिन्न सूचनाएं’ (जानकारियां) प्राप्त करके ऐसी ही घटनाएं पहले कब व किनके साथ हुईं उनकी जानकारी व उनसे सम्पर्क करके स्वयं विचार करके, जांच परख, विश्लेषण व तर्क करके उनको हल करने करने का प्रयास करता है। एक बार असफल होने