प्रेम की भावना (भाग-3)

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प्रेम : "सुनो!!" भावना : .......... प्रेम : "सुन रही हो..!" भावना : ............ प्रेम : "सुनाई दे रहा है कुछ बोल रहा हूँ मै..!" भावना : ............ प्रेम : "ऐ मोटी..!" भावना : "खबरदार जो मोटी बोला है तो.!किस एंगल से मोटी लगती हूँ मै आपको..?" प्रेम : "तो कब से आवाज़ दे रहा हूँ मै, जवाब क्यों नही देती..?" भावना : ............ प्रेम : "ले फिर चुप हो गयी..!!कुछ तो बोल यार।गुस्सा कर, चिल्ला ले, रो ले, चाहे तो मार भी ले, पर यूं चुप मत रह मेरी जान। तेरी चुप्पी खलती है मुझे यार।।।" भावना : ............