लेखन की दुनिया मे पहेला कदम

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लेखन की दुनिया में हमारा पहला दिन जब शुरू हुआ तब हमें लेखक बनने का ना कोई जज्बा था और ना कोई उम्मीद थी बस कुछ था तो एक चाहत थी कुछ लिखने की एक छोटी सी हमने दोस्त पर चार पंक्ति लिखी जिसे सब ने मोहित कर लिया और जो सबको बहुत पसंद आई और सब ने हमें प्रोत्साहित किया कि हम हमें और लिखना चाहिए और फिर हम लिखने लगे और बहुत कुछ लिखते हम बहुत कुछ लिखने लगे फिर धीरे-धीरे प्रोत्साहित करने वाली और जिंदगी के बारे में तथा दुनियादारी के बारे में स् कहानियां सुविचार यह